
अजीत मिश्रा (खोजी)
।। यूपी में पैर में गोली मारने के प्लांटेड एनकाउंटर को कोर्ट ने फिर किया बेनकाब।।
उत्तर प्रदेश
देवरिया सीजेएम कोर्ट ने पुलिस वालों पर मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश। मामला विनोद सोनकर नामक व्यक्ति का। पशु तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया, थाने लाया गया। उसने पेट दर्द की शिकायत की।एसआई सुशांत पाठक, पुलिस कर्मी राजेश कुमार व सज्जन चौहान उसे अस्पताल लेकर निकलते हैं।
कहानी के मुताबिक, वह शौच का बहाना करके पुलिस की गाड़ी से उतरता है। और एसआई सुशांत पाठक की पिस्टल छीनकर भागता है।फिर उसे एक झाड़ीनुमा बगीचे में तलाश किया जाता है। वह पुलिस पर फायरिंग करता है।जवाब में पुलिस ऐसा निशाना साधती है कि सीधे उसके पैर में गोली लगती है। इससे पहले गाजियाबाद में भी यही कहानी दोहराई गई थी।
आरोपी को थाने से उठाया गया और फिर पैर में गोली मार दी गई।जब कोर्ट ने कहा कि सीसीटीवी दिखाओ तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए। जवाब दिया कि थाने आने जाने वालों की गोपनीयता भंग होगी, नहीं दे सकते। कोर्ट ने इसमें भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
💫 सवाल है कि क्या यूपी में एनकाउंटर एक इंडस्ट्री बन चुका है?
⭐ तमगे बढ़ाने का?
⭐ प्रोन्नति पाने का?
⭐ किसी को बचाने का?
⭐ किसी को निपटाने का?
सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि वो यूपी के एनकाउंटरों पर अपनी निगरानी में सीबीआई जांच का आर्डर करे। क्योंकि हाईकोर्ट अगर सीबीआई जांच का आर्डर करेगा तो क्या पता सरकार उसे रुकवाने के लिए उसी तरह सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाए, जैसे विधानसभा में नेताओं व अधिकारियों के लड़के-बच्चों को मिली सरकारी नौकरियों के आशीर्वाद की सीबीआई जांच को रुकवाने के लिए,वह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी।
यह हॉफ एनकाउंटर से लंगडी हुई, लड़खड़ाती मानवता की आवाज़ है।























